“गिरना भी अच्छा है… औकात का पता चलता है। बढ़ते हैं हाथ जब उठाने को, अपनों का पता चलता है। जिन्हे गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है….!!! सीख रहा हूँ अब मैं भी इंसानों को पढ़ने का हुनर, सुना है चेहरे पर किताब से ज्यादा...CONTINUE READING